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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

शिक्षक भर्ती में अभ्यर्थी हो रहे हलकान : 'प्यास लगी तब कुआं खोदो'-

शिक्षक भर्ती में अभ्यर्थी हो रहे हलकान : 'प्यास लगी तब कुआं खोदो'-

इलाहाबाद : 'प्यास लगे तब कुआं खोदो' की कहावत इन दिनों शिक्षकों की भर्ती पर पूरी तरह से फिट बैठ रही है। हालत यह है कि करीब एक लाख शिक्षकों की भर्ती के लिए अफसरों ने पहले से कोई तैयारी नहीं की, बल्कि जब समस्या आई उसका तुरत-फुरत समाधान खोज लिया। इसीलिए आए दिन परेशानी हो रही है और अभ्यर्थी भी अनायास भागदौड़ कर रहे हैं, वहीं अफसर भी सारे मामले उसी अंदाज में निपटा रहे हैं।

प्रदेश में इन दिनों प्राथमिक स्कूलों के लिए 72825 एवं जूनियर स्कूलों के लिए 29336 शिक्षकों की भर्ती चल रही है। दोनों भर्तियों में आए दिन अफसरों को जूझना पड़ता है, क्योंकि अक्सर कोई न कोई व्यवधान उत्पन्न होता है। मसलन प्राथमिक स्कूल के लिए स्नातक में 45 फीसदी अंक लेकर पास अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग में शामिल किया जाएगा या नहीं। ऐसे ही जूनियर स्कूल के लिए एमएससी कृषि करने वाले अभ्यर्थी को विज्ञान शिक्षक के रूप में मौका मिलेगा या नहीं। ऐसे ही दर्जनों सवाल काउंसिलिंग शुरू होने के बाद रह-रहकर सामने आते रहे। अभ्यर्थी अफसरों के चक्कर काटते तब जाकर उसका समाधान होता था।

प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए तो राज्य स्तरीय कठिनाई निवारण समिति का गठन किया गया था। इसमें हर काउंसिलिंग के बाद राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की ओर से इस समिति के पास सवाल भेजा जाता था और उनके निराकरण को अगली काउंसिलिंग में लागू कराया गया। इससे बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों को परेशान होना पड़ा। यह सिलसिला अब तक जारी है, जबकि प्राथमिक स्कूल के लिए तीसरी काउंसिलिंग होने को है और जूनियर स्कूल के लिए पांचवीं काउंसिलिंग पूरी हो चुकी है।

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्राचार्य विनोद कृष्ण कहते हैं कि हम लोग एससीईआटी के निर्देशों का ही अनुपालन करते हैं। काउंसिलिंग के दौरान जो समस्या आती है उसे एससीईआरटी को भेजते हैं और वहां से मिले निर्देशों को अमल में लाते हैं।


         खबर साभार : दैनिकजागरण

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