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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

सार्वजनिक होगा परिषदीय विद्यालयों का ब्यौरा : तीन साल की दी जाएगी जानकारियां-

सार्वजनिक होगा परिषदीय विद्यालयों का ब्यौरा : तीन साल की दी जाएगी जानकारियां-

• विद्यालयों का ब्योरा स्कूलों के कार्य- कलापों में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से लिया गया फैसला

लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी आम लोगों के लिए सार्वजनिक की जाएगी। किस विद्यालय को कितना अनुदान दिया गया है, उसमें से कितना खर्च हुआ। विद्यालय में बच्चों को क्या सुविधाएं दी जा रही हैं, इन सबका पूरा ब्योरा विद्यालय भवन पर अंकित किया जाएगा। इस संबंध में राज्य परियोजना निदेशक ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं।

मौजूदा समय में प्रदेश में 1,13,627 परिषदीय प्राइमरी एवं 45,749 जूनियर स्कूल संचालित हैं। इनमें करीब एक करोड़ 90 लाख बच्चे पढ़ते हैं। अभी तक आम लोगों को ये जानकारी नहीं हो पाती थी कि स्कूलों के लिए कितना अनुदान मिलता है, कौन-कौन सी योजनाएं हैं। लेकिन अब निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के तहत परिषदीय विद्यालयों के कार्य-कलापों में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से जनवाचन के माध्यम से स्कूलों की सभी जानकारियां सार्वजनिक की जाएंगी। इसकी जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक अथवा सहायक अध्यापक (प्रभारी) की होगी। राज्य परियोजना निदेशक ने इसके लिए एक प्रारूप भी जारी किया है।

तीन साल की दी जाएगी जानकारियां-

निर्धारित प्रारूप के अनुसार जनवाचन में विद्यालयों का वर्ष 2012-13, 2013-14 एवं 2014-15 का विवरण अंकित किया जाएगा। इसमें विद्यालय में उपलब्ध भौतिक साधन, कक्षों की संख्या, शौचालय(बालक-बालिका), पेयजल व्यवस्था, शिक्षकों एवं बच्चों के लिए फर्नीचर, किचेन शैड, रैप, विद्युत व्यवस्था एवं पुस्तकालय की उपलब्धता, छात्र नामांकन, विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चे, निशुल्क यूनिफार्म एवं पाठय़ पुस्तक वाले लाभार्थियों की सख्या, वितरण की तिथि, छात्रवृत्ति का लाभ लेने वाले अभ्यर्थियों की संख्या, शिक्षक (महिला, पुरु ष संख्या), रसोइयों की संख्या, अनुदान की जानकारी (आय व्यय), विद्यालय विकास अनुदान अनुरक्षण अनुदान, एमडीएम कन्वर्जन कास्ट, यूनिफार्म की धनराशि। इस ब्योरे पर प्रधानाध्यापक एवं विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष का नाम व मोबाइल नंबर भी अंकित किया जाएगा। विद्यालयों की दीवार पर ब्योरा अंकित होने के बाद खंड शिक्षा अधिकारी, जिला समन्वयक, बीआरसी एवं एनपीआरसी उसका निरीक्षण करेंगे |

    खबर साभार : राष्ट्रीय सहारा

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