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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

23 हजार स्कूलों में अब तक नहीं हुए बिजली कनेक्शन : 2007-08 में शुरू हुई थी विद्युतीकरण योजना-

23 हजार स्कूलों में अब तक नहीं हुए बिजली कनेक्शन : 2007-08 में शुरू हुई थी विद्युतीकरण योजना-

लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को अंधेरे में पढ़ाई न करनी पड़े, इसके लिए विद्युतीकरण योजना शुरू की गई थी। लेकिन अफसरों की लापरवाही की वजह से कई साल बीतने के बावजूद 23 हजार से ज्यादा विद्यालयों में बच्चे अंधेरे में ही पढ़ाई करने को मजबूर हैं। आलम ये है कि इन स्कूलों में पंखे व टय़ूब लाइट तो हैं, पर बिजली कनेक्शन आज तक नहीं हो सका। जबकि इसका कनेक्शन चार्ज का पैसा विभाग भेज चुका है।

बारहवें वित्त योजना आयोग के अंतर्गत वर्ष 2007-08 में प्रदेश के 56,516 प्राइमरी एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विद्युतीकरण योजना शुरू की गई थी। इसमें प्रत्येक जिले से 576 प्राइमरी एवं 229 जूनियर विद्यालयों को विद्युतीकरण के लिए चुना गया था। प्रत्येक विद्यालय में पांच पंखे, पांच टय़ूबलाइट के अलावा अंडरग्राउंड वायरिंग के लिए 29,188 रपए ग्राम शिक्षा समिति के खाते में दिए गए। इसके अलावा विद्यालयवार 2200 रपए बिजली कनेक्शन चार्ज के लिए भी यूपीपीसीएल को दिए गए। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक वर्ष 2007-08 से 2012-13 तक 93000 स्कूलों को विद्युतीकरण का पैसा दिया गया। लेकिन योजना के छह साल बीत जाने के बावजूद 23 हजार से ज्यादा विद्यालयों में अब तक बिजली कनेक्शन नहीं हो सका है। जबकि विभाग का दावा है कि कनेक्शन चार्ज की धनराशि काफी समय पहले ही भेजी जा चुकी है।

कनेक्शन चार्ज का पैसा बढ़ने से फंसा मामला
प्रत्येक परिषदीय विद्यालय में बिजली कनेक्शन चार्ज के रूप में 2200 रपए दिए जाने का प्रावधान था। इसी के हिसाब से विभाग ने यूपीपीसीएल को धनराशि उपलब्ध कराई थी। लेकिन विभागीय अधिकारियों की मानें तो अब यूपीपीसीएल ने कनेक्शन चार्ज बढ़ाकर 3500 रपए कर दिया, जिससे दिक्कतें आ रही हैं।

         -:दो साल से नहीं मिला बजट:-

मौजूदा समय में प्रदेश में 1,13,627 परिषदीय प्राइमरी एवं 45,749 जूनियर स्कूल संचालित हैं। इनमें करीब एक करोड़ 90 लाख बच्चे पढ़ते हैं। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक 93000 स्कूलों में विद्युतीकरण के लिए पैसा दिया जा चुका है। अब शेष बचे 89,376 परिषदीय विद्यालयों से अंधरा दूर करने के लिए विाग के पास पैसा नहीं है। विभाग के अधिकारी कहते हैं कि दो साल से इसके लिए बजट ही नहीं मिला है। ऐसे में विद्युतीकरण अभी संभव नहीं है। उप शित्रा निदेशक (प्राइमरी) शशी करण त्रिपाठी ने वर्ष 2008-09 से 2012-13 तक 93,000 स्कूलों में बिजली के लिए पैसा भेजा था। यूपीपीसीएल को भी बिजली कनेक्शन के लिए धनराशि दी गई। लेकिन अब तक 70 हजार स्कूलों में कनेक्शन होने की जानकारी है। चूंकि कनेक्शन चार्ज का बजट 22 सौ रपए से बढ़कर 35 सौ रपए हो गया। जिससे दिक्कतें हो रही हैं |

     खबर साभार : राष्ट्रीयसहारा

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