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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

छात्रवृति के गलत फॉर्म भेजने पर फंसेंगे अफसर : नई नियमावली में इन्हें माना गया अपराध-

छात्रवृति के गलत फॉर्म भेजने पर फंसेंगे अफसर : नई नियमावली में इन्हें माना गया अपराध

• गलत जानकारी मिलने पर शिक्षण संस्थान और छात्र होंगे ब्लैक लिस्टेड

लखनऊ। शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए भरे गए आवेदन पत्र में गलत जानकारी मिलने पर शिक्षण संस्थान व संबंधित विभाग के अफसरों और छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। इतना ही नहीं, डीएम उस संस्थान और छात्र को न सिर्फ काली सूची में डालेंगे, बल्कि तत्काल इसकी सूचना शासन को भी देंगे। यह जानकारी जिलास्तरीय अधिकारियों को दो दिन चले प्रशिक्षण कार्यक्रम में दी गई।

छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति की नई नियमावली में राज्य मुख्यालय स्थित ट्रेजरी से सीधे छात्रों के खाते में रकम भेजने की व्यवस्था की गई है। बैंक खातों में रकम पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) के माध्यम से जाएगी। शनिवार और रविवार को भागीदारी भवन में समाज कल्याण और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के जिलास्तरीय अधिकारियों को पीएफएमएस सॉफ्टवेयर की जानकारी दी गई। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनईआईसी) की राज्य इकाई के वरिष्ठ तकनीकी निदेशक आरएच खान ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन में सही जानकारी देने की जिम्मेदारी विद्यार्थियों और शिक्षण संस्थानों की होगी। जिलास्तरीय अधिकारियों को दस्तावेजों या विद्यार्थियों की संख्या में हेराफेरी की संभावना पर नजर रखनी होगी।

पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के निदेशक रामकेवल ने बताया कि नई नियमावली में शुल्क प्रतिपूर्ति आवेदन में किसी तरह की गड़बड़ी मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। शिक्षण संस्थान, छात्र-छात्राओं और प्रथम दृष्ट्या संलिप्तता मिलने पर विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज होगी। शिक्षण संस्थान की मान्यता रद्द करने की कार्यवाही भी शुरू होगी।

खबर साभार : अमरउजाला

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