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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

शिक्षामित्रों की परीक्षा समय से कराने के निर्देश-

शिक्षामित्रों की परीक्षा समय से कराने के निर्देश

> शैक्षिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन न हो पाने से सहायक अध्यापक बने 58129 शिक्षामित्रों व 5000 बीटीसी प्रशिक्षितों की अटकी है तनख्वाह निदेशक एससीईआरटी को भेजा कार्रवाई के लिए पत्र, सत्यापन अक्टूबर के अंत तक कराने का आश्वासन

लखनऊ (एसएनबी)। प्रदेश के 58 हजार शिक्षामित्रों व पांच हजार बीटीसी प्रशिक्षितों को सहायक अध्यापक बनाये जाने के बाद अब उनकी तनख्वाह के लिए शासन पर दबाव बढ़ गया है। हालांकि शासन ने शिक्षकों के वेतन के मद में 17218 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर करके वित्त नियंत्रक बेसिक शिक्षा निदेशालय को भेजी है, उन्हें जिलेवार आवंटन करने को कहा गया है। दूसरी ओर शिक्षामित्रों के संगठन आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन ने शुक्रवार को बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोबिंद चौधरी व बेसिक शिक्षा निदेशक दिनेश बाबू शर्मा से अलग-अलग मिलकर अपनी सात सूत्री मांगों को रखा। बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि एसोसिएशन के उठाये मुद्दों में शिक्षामित्रों के दूसरे बैच के समायोजन के लिए परीक्षा समय से कराने की मांग पर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक को आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है और जल्द ही इस बाबत आदेश जारी करने का आश्वासन दिया है। शिक्षामित्रों के प्रतिनिधियों ने बेसिक शिक्षा निदेशक से तनख्वाह को लेकर मांग की। निदेशक ने उन्हें अक्टूबर के अंत तक शिक्षामित्रों के कागजातों का सत्यापन करा लेने के भरोसा देते हुए इसके बाद तनख्वाह निकलने का रास्ता साफ हो जाएगा। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेन्द्र शाही ने बताया कि मंत्री और निदेशक दोनों से बातचीत काफी सकारात्मक रही है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने दूरस्थ बीटीसी से प्रथम चरण में प्रशिक्षण पूरा करने वाले 58129 शिक्षामित्रों को परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापक पदों पर समायोजित कर दिया है। पहले चरण का समायोजन 6 अगस्त तक पूरा कर लिया गया था लेकिन शिक्षामित्र से शिक्षक बने इन लोगों को अभी न मानदेय मिला है और न ही सहायक अध्यापक की तनख्वाह। इसकी वजह उनकी सेवा पुस्तिका और शैक्षिक कागजातों का सत्यापन न होना बताया जाता है। इस काम को पूरा कराने में एक से डेढ़ महीने लगना तय है। सूत्रों का कहना है कि मिर्जापुर जिले में शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बनायी गयी शिक्षिका पुष्पलता की तनख्वाह जारी कर दी गयी है। इस मामले में विभागीय अफसरों को शासन से निर्देश थे और अकेले उसके कागजातों का सत्यापन कराकर तनख्वाह रिलीज करा दी गयी। इसके बाद से ही सहायक अध्यापक बनो शिक्षामित्रों की ओर से दबाव बढ़ गया था, कई संगठनों ने तो वेरीफिकेशन न होने पर शासन स्तर तक विरोध दर्ज कराया था। इसी कड़ी में आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन ने बेसिक शिक्षामंत्री श्री चौधरी व निदेशक श्री शर्मा से मिलकर जल्द कारवाई की मांग की है। मालूम हो कि शिक्षामित्रों की दूरस्थ बीटीसी से प्रशिक्षण कराने को लेकर सात फरवरी 2013 को जारी शासनादेश में सितम्बर 2014 में दूसरे बैच के चौथे सेमेस्टर की परीक्षा करानी थी। सितम्बर पूरा होने को है, लेकिन अभी तक जिलों में प्रशिक्षण बाद होने वाली परीक्षा के फार्म भी नहीं भराये गये हैं। सूत्रों का कहना है कि कुछ जिलों ने परीक्षाफार्म भरा लिये गये हैं, लेकिन उन्हें परीक्षा कराने को लेकर कोई निर्देश नहीं मिला है। बीटीसी की परीक्षा के लिए अलग से परीक्षा नियामक प्राधिकारी है, जिस पर परीक्षा कराने व रिजल्ट घोषित की जिम्मेदारी रहती है।

खबर साभार : राष्ट्रीय सहारा

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