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26 हजार न्यूनतम वेतन चाहते हैं केंद्रीय कर्मचारी : सातवें वेतन आयोग से कर्मचारी संगठनों ने की मांग-

26 हजार न्यूनतम वेतन चाहते हैं केंद्रीय कर्मचारी : सातवें वेतन आयोग से कर्मचारी संगठनों ने की मांग-

अजय तिवारी/एसएनबी नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कर्मचारी अपना न्यूनतम वेतन 26,000 रपए महीना कराना चाह रहे हैं। न्यायमूर्ति अशोक माथुर की अध्यक्षता वाले सातवें वेतन आयोग से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए इतना ही वेतन मांगा गया है। अभी उनका न्यूनतम वेतन सात हजार रपए महीना है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों का कहना है कि महंगाई पर काबू पाने में सरकार नाकाम रही है, इसलिए गुजारा करने के लिए उनका वेतन इस सीमा तक बढ़ाना जरूरी है।

केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय परामर्शदात्री समिति जेसीएम ने सातवें वेतन आयोग में केंद्र सरकार के 36 लाख कर्मचारियों के लिए इतने ही वेतन की मांग की है। वेतन आयोग को यह बात स्पष्ट तौर पर कही गई है कि सरकार के कैबिनेट सचिव और छोटे कर्मचारी के वेतन के बीच एक अनुपात आठ से अधिक का फासला नहीं होना चाहिए। छठे वेतन आयोग में यह फासला एक अनुपात दस रखा गया था। सातवें वेतन आयोग में सरकार के सबसे बड़े कर्मचारी कैबिनेट सचिव का वेतन 1,60,000 महीना हो जाने का अनुमान लगाया गया है।

केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए अधिक वेतन की दलील के लिए जेसीएम ने जिस फामरूले को आधार बनाया है, वह 15वें श्रम सम्मेलन का है। इस पर अदालत भी सहमति जता चुकी है। इसके मुताबिक 107% डीए वेतन में ही समाहित हो जाएगा। जेसीएम ने यह बात भी जोर देकर कही है कि सातवें वेतन आयोग में सरकारी कर्मचारियों के पद किसी भी सूरत में कम नहीं किए जाने चाहिए, क्योंकि पहले ही केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर काम का ज्यादा बोझ है। कर्मचारियों के पद घटाने का इस आधार पर भी विरोध किया गया है कि इसके जरिए सरकारी दफ्तरों में ठेका श्रमिकों को बढ़ावा मिलेगा। जेसीएम के अध्यक्ष एम. राघवैया ने कहा कि कर्मचारियों के लिए अधिक वेतन नहीं मांगा जा रहा है, जो मांगा जा रहा है वह जायज है और फामरूले के तहत से मांगा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को इसे देना ही होगा, क्योंकि इसे देकर वह कोई मेहरबानी नहीं करेगी, श्रम के बदले वाजिव पगार मांगना हक है। जेसीएम के महासचिव शिवगोपाल मिश्रा का कहना है कि अभी हमारी मांग यही है कि जब तक नया वेतन आयोग लागू नहीं हुआ है, तब तक अंतरिमराहत की घोषणा की जाए, क्योंकि कर्मचारी महंगाई की मार से परेशान हैं।

उन्होंने कहा कि सातवें वेतन आयोग में कर्मचारियों के पद समाप्त नहीं होने दिए जाएंगे और यह बात आयोग को कही भी गई है। मिश्रा ने कहा कि रेलवे में एक लाख नई भर्ती हो रही है और इसी प्रकार से और जगह भी कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के प्रयास जारी हैं, क्योंकि सरकारी दफ्तरों में निजीकरण रोका जाना है। जम्मू-कश्मीर नहीं जा सकी आयोग की टीम : वेतन आयोग को वहां पदस्थ केंद्र सरकार के कर्मचारियों का पक्ष जानने के लिए श्रीनगर जाना था, पर जम्मू-कश्मीर में बाढ़ की आपदा की वजह से वेतन आयोग की टीम वहां नहीं जा सकी है। आयोग की टीम के श्रीनगर जाने का कार्यक्रम वहां आई बाढ़ की वजह से स्थगित कर दिया गया था। जल्द ही आयोग की टीम वहां जाने का कार्यक्रम घोषित करेगी।

        खबर साभार : राष्ट्रीय सहारा 

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