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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

परिषदीय विद्यालयों में अब कक्षा आठ तक गणित की एक किताब : बेसिक शिक्षा विभाग ने नये सिरे से पाठ्यक्रम का पुनर्गठन किया -

परिषदीय विद्यालयों में अब कक्षा आठ तक गणित की एक किताब : बेसिक शिक्षा विभाग ने नये सिरे से पाठ्यक्रम का पुनर्गठन किया -

१-रूपये का चिन्ह भी पाठ्यक्रम में शामिल

२-माध्यमिक में अब गणित का एक ही किताब

३-कक्षा एक से कक्षा दस तक गणित अब एक ही किताब हो गई

४-बेसिक शिक्षा विभाग ने नये सिरे से पाठ्यक्रम को पुनर्गठित किया

इलाहाबाद : छात्रों में तार्किक व मानसिक शक्ति का विकास गणित से ही होता है। बच्चों में शुरुआत से ही गणित की समझ विकसित करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने पाठ्यक्रम को नए सिरे से पुनर्गठित किया है। इसके बाद अब न सिर्फ पाठ्यक्रम ज्यादा सुगठित हो गया है वरन किताबों की संख्या भी कम हो गई है। पूर्व माध्यमिक में अब गणित की मात्र एक किताब ही होगी। इस बदलाव के बाद अब एक से दस तक हर कक्षा में गणित की एक किताब हो गई है।

अभी तक कक्षा छह, सात एवं आठ में गणित की दो किताबें चलती थीं। पहली अंक गणित और दूसरी बीज गणित एवं रेखा गणित। दूसरी ओर कक्षा एक से पांच तक एवं कक्षा नौ एवं दस में गणित की एक-एक किताब ही चल रही है। इसे देखते हुए पूर्व माध्यमिक के गणित के पाठ्यक्रम को सुगठित करने की जरूरत महसूस हो रही थी। इसे कम करने की कवायद पिछले सत्र में ही शुरू हो चुकी थी। राज्य विज्ञान संस्थान इलाहाबाद ने इस संबंध में तीनों कक्षाओं की दो-दो किताबों में पुनरावृत्ति को सबसे पहले दूर किया, क्योंकि कक्षा छह के कुछ भाग को कक्षा सात में तो कक्षा सात के कुछ हिस्से को कक्षा आठ में समाहित किया गया था। उसे पूरी तरह से हटा दिया गया है। ऐसे ही कक्षा सात से परिमेय संख्या का कुछ भाग हटाकर कक्षा आठ में कर दिया गया है। कक्षा आठ से समुच्चय सिद्धांत यानी सेट थ्योरी को पूरी तरह से हटा दिया गया है। बताते हैं कि सेट थ्योरी का जिक्र आगे कक्षा नौ और दस में भी विशेष रूप से नहीं था इसलिए उसे फिलहाल हाशिये पर डाल दिया गया है। इस बदलाव के बाद अब तीनों कक्षाओं में केवल एक किताब गणित की रह गयी है।

रूपये का चिह्न भी पाठ्यक्रम में शामिल
पाठ्यक्रम में बदलाव करने वाले राज्य विज्ञान संस्थान के प्रवक्ता राकेश पांडेय ने बताया कि सरकार रुपये का नया चिन्ह जारी कर चुकी है। इसे जूनियर कक्षाओं में भी इस बार से शामिल किया गया है, ताकि छात्र अभी से जागरूक हों। ऐसे ही छात्रों को स्वच्छता के प्रति प्रेरित करने के लिए सवाल उसी तरह से बनाए गए हैं। सवालों में बैक्टीरिया, मच्छर उन्मूलन, फागिंग एवं ग्रामीण शौचालय आदि को विशेष रूप से जोड़ा गया है। यानी पुस्तक में आमूलचूल परिवर्तन किया गया है।

          साभार : दैनिक जागरण

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