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इस साल संस्कृत के पांच विद्वानों को दिया जाएगा : 'विश्व भारती सम्मान'

इस साल संस्कृत के पांच विद्वानों को दिया जाएगा : 'विश्व भारती सम्मान'

इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान का प्रतिष्ठित ‘विश्व भारती सम्मान’ दोबारा शुरू होने जा रहा है। खास यह कि दिसंबर में प्रस्तावित समारोह में संस्कृत के पांच विद्वानों को यह सम्मान दिया जाएगा। इसके अलावा ‘संस्कृत आचार्य’ और ‘संस्कृत विद्वान’ सम्मान भी दिया जाएगा। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। संस्कृत के विकास में विशेष योगदान देने वालों से आवेदन मांगे गए हैं। इनका चुनाव भी नई समिति करेगी। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान ने अगले साल से इसकी राशि भी दोगुनी करने की घोषणा की है।

‘विश्व भारती सम्मान’ के तहत प्रतीक चिह्न के साथ दो लाख 51 हजार रुपये की राशि प्रदान की जाती है। ‘संस्कृत आचार्य’ के अंतर्गत एक लाख एक हजार तथा ‘संस्कृत विद्वान’ को 51 हजार रुपये दिए जाते हैं। शनिवार को प्रेसवार्ता में संस्थान के अध्यक्ष शंकर सुहैल ने बताया कि विगत पांच वर्षों से यह पुरस्कार नहीं दिया जा रहा था लेकिन इस साल इसे फिर शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि समारोह दिसंबर में लखनऊ में आयोजित होगा। उन्होंने बताया कि हर साल एक विद्वान को ‘विश्व भारती सम्मान’ दिया जाता है लेकिन इस बार विगत पांच वर्षों, 2009 से 2013, के लिए दिया जाएगा।

इलाहाबाद में नहीं होगा ‘व्यास समारोह’:-

इलाहाबाद में ‘व्यास समारोह’ आयोजित करने की उम्मीदें खत्म हो रही हैं। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष शंकर सुहैल ने बताया कि उनका प्रयास असफल हो गया है। इसे लेकर वह काफी आहत भी हैं। संस्थान की ओर से यह समारोह वाराणसी में कई वर्षों से आयोजित हो रहा है लेकिन चेयरमैन ने इस साल से दूसरे शहरों में भी कराने का निर्णय लिया। इसके तहत इस बार इलाहाबाद को चुना गया। समारोह दिसंबर में होना है। इसके लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय से समझौता भी हो गया है।

हर विद्यालय में रखे जाएंगे संस्कृत के शिक्षक:-

प्रदेश के सरकारी हाईस्कूल और इंटरमीडिएट कालेजों में अब कंप्यूटर पर पढ़ाई होगी। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान की पहल पर यह निर्णय लिया गया है। इसके लिए लखनऊ में केंद्रीय कक्ष होगा। उससे सभी स्कूल कनेक्ट होंगे। लखनऊ से ही सभी स्कूलों को ऑनलाइन मैटर भेजे जाएंगे। छात्र-छात्राओं को समझाने के लिए हर स्कूल में एक अध्यापक की नियुक्ति भी की जाएगी। संस्थान के चेयरमैन ने बताया कि पहले चरण में पांच मंडलों में नवंबर में इस व्यवस्था के तहत पढ़ाई शुरू की जाएगी।

    साभार : अमरउजाला

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