‘स्कूल फार ऑल’ का खाका तैयार : एनसीईआरटी के इस खाके के तहत समावेशी स्कूल को कुछ मापदंड को पूरा करना होगा
नई दिल्ली (भाषा)। देश के कई स्थानों पर शिक्षा में जाति, लिंग, वर्ग, अशक्तता, धर्म आदि के आधार पर भेदभाव की घटनाओं के बीच शिक्षा की वर्तमान व्यवस्था में सुधार की जरूरत को रेखांकित करते हुए एनसीईआरटी की ‘स्कूल फार ऑल’ योजना का खाका तैयार किया गया है। एनसीईआरटी की विशेष जरूरतों वाले समूह की शिक्षा से संबंधित विभाग के तहत तैयार ‘समावेशी स्कूल का विकास’ रिपोर्ट में ‘स्कूल फार ऑल’ ( सभी के लिए स्कूल) का खाका पेश किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, ‘सभी के लिए स्कूल’ अवधारणा के तहत समावेशी स्कूल को कुछ मापदंड को पूरा करना चाहिए।
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि स्कूल ने दृष्टिपत्र तैयार करके इसे समुदाय के साथ साझा किया है या नहीं। स्कूल का दृष्टिपत्र, समझ, मिशन और लक्ष्य समुदाय के कितने अनुरूप हैं। स्कूल के दृष्टिपत्र को छात्रों की विभिन्नताओं को स्वीकार करना और उन्हें महत्व देना चाहिए। स्कूल में गरीब परिवार के बच्चों को सहयोग करने की नीति और कार्यक्रम तैयार करना चाहिए।
शिक्षकों, समुदायों, अभिभावकों को स्कूल के समावेशी शिक्षा की नीति में विास होना चाहिए। एनसीईआरटी का कहना है कि आजादी के बाद से देश के 10 लाख स्कूलों में करीब 55 लाख शिक्षक 2,025 लाख छात्रों को पढ़ाते हैं। 80 प्रतिशत आबादी में करीब एक किलोमीटर के दायरे में प्राथमिक स्कूल है। लेकिन इसके बाद भी प्राथमिक स्तर पर करीब आधे बच्चों के बीच में ही पढ़ाई छोड़ने की बात सामने आई है।
खबर साभार : राष्ट्रीय सहारा
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