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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

हर चौथे आवेदक को मिलेगी प्रशिक्षु शिक्षक की नौकरी : 72,825 शिक्षकों की भर्ती का मामला-

हर चौथे आवेदक को मिलेगी प्रशिक्षु शिक्षक की नौकरी : 72,825 शिक्षकों की भर्ती का मामला-

लखनऊ (एसएनबी)। इस बार प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में आवेदन करने वाले हर चौथे दावेदार को नौकरी मिलेगी। टीईटी की मेरिट से होने वाली भर्ती में र्थड डिवीजनरों की नैय्या भी पार हो जाएगी। प्रदेश में प्राथमिक स्कूलों में होने वाली भर्ती के लिए टीईटी परीक्षा 2011 में हुई थी। तब दो स्तरों की परीक्षा करायी गयी। इसमें प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक पदों के लिए टीईटी में 2.53 लाख अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए थे। इन्हीं आवेदकों ने 72825 शिक्षकों की भर्ती के लिए दो बार में आवेदन किया और आवेदकों की संख्या 68 लाख के पार कर गयी।

आवेदन पत्रों की लिहाज से तो एक सीट पर मुकाबला काफी कड़ा है, लेकिन आवेदकों की वास्तविक संख्या में एक सीट पर साढ़े तीन दावेदार ही बनते हैं, ऐसे में हर चौथे दावेदार का चयन होना तय है। इसके बाद भी बेरोजगारों की भीड़ को नौकरी मिलने का भरोसा नहीं है। तीन दिनों की काउंसलिंग में तो सभी को शामिल नहीं किया जा सकेगा। पहले चरण की काउंसलिंग के बाद बड़ी संख्या में रिक्तयां खाली रहनी तय है। इसकी वजह है कि एक अभ्यर्थी एक दिन में सिर्फ एक ही जिले में काउंसलिंग में शामिल हो सकेगा और बाकी जगहों पर वह मेरिट में होने के बाद भी भर्ती प्रक्रिया में भागीदारी नहीं कर सकेगा।

ऐसे में रिक्तयों के आधार पर बुलाये गये अभ्यर्थियों की काउंसलिंग होने के बाद भी सीटें खाली रहनी तय है और विभाग भी इसको पहले चरण की काउंसलिंग ही मानकर चल रहा है। टीईटी की मेरिट से होने वाली इस भर्ती में शैक्षिक मानकों का कोई आधार नहीं रखा गया है। टीईटी 2011 की परीक्षा में आरक्षित श्रेणी के तमाम अभ्यर्थी र्थड डिवीजन के ही पास हो गये थे। अब उन्हें सूबे में मास्टरी करने का मौका मिल जाएगा। इस मुद्दे को लेकर विभाग के अधिकारी वैसे तो कुछ बोलने से मना कर रहे हैं, लेकिन भर्ती करने वाली परिषद के निदेशक सव्रेन्द्र विक्रम का कहना है कि वास्तविक आवेदकों के बारे में तो स्थिति साफ है। नौकरी पक्की करने के चलते आवेदकों की भीड़ बढ़ी है।

    खबर साभार : राष्ट्रीय सहारा

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