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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

सरकारी विद्यालयों में मनाया जाएगा बच्चों का ‘हैप्पी बर्थडे’ : परिषदीय विद्यालयों में शैक्षिक उन्नयन का प्रयास -

सरकारी विद्यालयों में मनाया जाएगा बच्चों का ‘हैप्पी बर्थडे’ : परिषदीय विद्यालयों में शैक्षिक उन्नयन का प्रयास -
< मित्रों महराजगंज जिले निचलौल के शिक्षक भाई पंडित जावेद भारती जी ने "हैप्पी बर्थडे" प्राथमिक स्कूलों मे बच्चों का मनाने का क्रम २०१३ से प्रारम्भ कर दिया था उनको बधाई....जिसका फोटो पोस्ट के साथ लगा रहा हूँ|

  "दुरी लम्बी है पर ठहरना छोड़ दें
कोई भी बहाने करना छेड़ दें
अब मजबूत इरादों से मैं हूँ इनके बीच
खुशियों से कह दो केवल वो शहरों में रहना छोड़ दे |"
आलोक दूबे/एसएनबी गोरखपुर (एसएनबी)। शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ सरकार ने सरकारी प्राथमिक स्कूलों में शैक्षिक उन्नयन के लिए प्रयास शुरू कर दिये हैं। पढ़ाई से वंचित बच्चों को पढ़ने के लिए ‘स्कूल चलो अभियान’ चलाया जा रहा है तो वहीं प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री ने सरकारी स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के लिए कई उपाय सुझाए हैं। पढ़ाई के परम्परागत र्ढे की बजाए अब सरकारी स्कूलों में कांवेंट स्कूलों की तर्ज पर बच्चों में सीखने एवं व्यक्तित्व विकास के लिए नियमित कार्यक्रम आयोजित होंगे। विद्यालय में अपनत्व की भावना विकसित करने के लिए अब बच्चों का ‘हैप्पी बर्थडे’ भी मनाया जाएगा। उधर, शिक्षा जगत से जुड़े लोगों ने इन उपायों का स्वागत करते हुए कहा कि इस तरह के कदमों से प्राथमिक स्कूलों की शैक्षिक व्यवस्था में सुधार होगा।

बीएसए कमलाकर पांडेय ने इस संबंध में सभी खंड शिक्षाधिकारियों को इन सुझावों के क्रियान्वयन का निर्देश दिया है। प्राथमिक शिक्षा पर पानी की तरह पैसा बहाने के बाद भी शैक्षिक स्तर में अपेक्षित सुधार नहीं हो रहा है। यह स्थिति सरकार के लिए चिंता का सबब बनी है। प्राथमिक स्कूलों में भारी संख्या में नामांकन के बावजूद बच्चों की कम उपस्थिति स्कूलों की दुर्दशा बयां करती है। शिक्षा जगत से जुड़े लोगों का कहना है कि दरअसल प्राथमिक शिक्षा को समय की मांग के अनुरूप नहीं ढाले जाने से शिक्षा व्यवस्था में गिरावट आ रही है। सरकारी स्कूलों में परम्परागत ढंग से पढ़ाई भी बच्चों में स्कूल जाने की दिलचस्पी कम कर रही है। बच्चों की नियमित उपस्थिति बढ़ाने के लिए स्कूलों में विविध कार्यक्रम आयोजित करने की जरूरत है। बहरहाल, शैक्षिक सत्र की शुरूआत होने के साथ ही प्रदेश सरकार ने शैक्षिक उन्नयन की दिशा में प्रयास तेज कर दिये हैं।

सूबे के बेसिक शिक्षा मंत्री ने इस संबंध में विभागीय अफसरों को कई उपाय सुझाएं हैं। स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति पर अब बराबर नजर रखी जाएगी। अगर कोई बच्चा स्कूल नहीं आ रहा तो संबंधित स्कूल के शिक्षक उसके माता-पिता से संपर्क कर इसका कारण जानेंगे। बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि विद्यालयों के निरीक्षण दिवस के दौरान अगर किसी बच्चे का जन्मदिन है तो उसे मनाने के लिए कुछ क्षण निकाले जा सकते हैं। बहरहाल, बेसिक शिक्षा मंत्री के इन सुझावों को अमलीजामा पहनाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग हरकत में आ गया है। हर महीने होगी अभिवावकों की बैठक बेसिक शिक्षा मंत्री ने शैक्षिक परिवेश को बेहतर बनाने के लिए हर माह की अंतिम तारीख को विद्यालयों में अभिवावक गोष्ठियां आयोजित करने को कहा है। इस बैठक में जनप्रतिनिधि भी आमंत्रित किये जाएंगे। बच्चों की प्रतिभा विकसित करने के लिए सीखने और व्यक्तित्व विकास के लिए कार्यक्रम होंगे। शिक्षा विभाग के अफसर इन गोष्ठियों में उपस्थित रहेंगे। अतिथि कक्षा अध्यापक बनेंगे क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अब क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों एवं क्षेत्र के संभ्रात व्यक्तियों की मदद ली जाएगी। बेसिक शिक्षा मंत्री ने इस बाबत कहा कि दस-पंद्रह दिनों के अंतराल पर प्राथमिक स्कूलों में जनप्रतिनिधियों एवं क्षेत्र के संभ्रांत व्यक्तियों को आमंत्रित किया जाए। ऐसे लोगों को अतिथि कक्षा अध्यापक का दर्जा प्रदान किया जाएगा। यह लोग बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित करने के अलावा विद्यालय के समक्ष उत्पन्न कठिनाईयों को दूर करने में प्रभावी भूमिका निभाएंगे। बेसिक शिक्षा मंत्री ने शैक्षिक उन्नयन के लिए उपाय सुझाए बच्चों में सीखने एवं व्यक्तित्व विकास के लिए कार्यक्रम हों गे बच्चों के गैरहाजिर रहने पर उनके अभिवावकों शिक्षक से संपर्क करेंगे |

      साभार : राष्ट्रीयसहारा व दयानन्द त्रिपाठी

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