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मैनपुरी में मिड-डे-मील घोटाला मामले में सीबीआई की कार्रवाई : एडीए उपाध्यक्ष जेबी सिंह गिरफ्तार

मैनपुरी में मिड-डे-मील घोटाला मामले में सीबीआई की कार्रवाई : एडीए उपाध्यक्ष जेबी सिंह गिरफ्तार

अलीगढ़ (ब्यूरो)। मैनपुरी के बहुचर्चित 6 करोड़ के मिड-डे-मील घोटाले के आरोपी वरिष्ठ पीसीएस अफसर/एडीए उपाध्यक्ष जितेंद्र बहादुर सिंह को सीबीआई टीम ने बुधवार सुबह उनके सरकारी बंगले से गिरफ्तार कर लिया। यहां से टीम उन्हें गाजियाबाद ले गई, जहां सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया और कोर्ट द्वारा जेबी सिंह को न्यायिक अभिरक्षा में लिए जाने के बाद डासना जेल भेज दिया गया। बता दें कि तीन दिन पहले ही इस मामले में एक अन्य आरोपी रिटायर्ड आईएएस सच्चिदानंद दुबे की गिरफ्तारी हुई है।
सीबीआई के आधा दर्जन कर्मचारियों की टीम गाजियाबाद से इंस्पेक्टर अर्चना सिंह के नेतृत्व में सुबह करीब साढ़े नौ बजे यहां पहुंच गई और क्वारसी इंस्पेक्टर को अलीगढ़ विकास प्राधिकरण के दफ्तर पर ही बुला लिया गया। जहां अलीगढ़ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व वरिष्ठ पीसीएस अफसर जेबी सिंह के खिलाफ चल रहे मैनपुरी के मिड-डे-मील घोटाले से संबंधित मुकदमा अपराध संख्या 21/2013 धारा 467, 468, 471, 420 आईपीसी व धारा 13 भ्रष्टाचार अधिनियम से संबंधित गिरफ्तारी वारंट दिखाकर गिरफ्तारी में मदद मांगी। इसके बाद टीम जेबी सिंह के अवंतिका स्थित सरकारी बंगले पर करीब दस बजे पहुंच गई। जहां टीम ने बंगले में मौजूद जेबी सिंह को हिरासत में ले लिया।
और वहीं बैठकर गिरफ्तारी मीमो तैयार किया गया।

अंदर करीब 30 मिनट तक पूरी टीम रही। इसके बाद उन्हें सीबीआई टीम ने अपनी गाड़ी में बैठाया और क्वारसी थाने लेकर पहुंची। जहां थाने में गिरफ्तारी तस्करा डालने के बाद टीम उन्हें अपने साथ गाजियाबाद ले गई। इस दौरान जेबी सिंह गाड़ी में ही बैठे रहे। अनौपचारिक बातचीत में इंस्पेक्टर अर्चना सिंह ने गिरफ्तारी की पुष्टि की। बता दें कि जेबी सिंह इस घोटाले के समय मैनपुरी में बतौर सीडीओ तैनात थे।

बयान सीबीआई इंस्पेक्टर अर्चना सिंह के नेतृत्व में आई टीम वरिष्ठ पीसीएस अफसर जेबी सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट लेकर आई थी। उन्हें उनके सरकारी बंगले से गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई। इस गिरफ्तारी के संबंध में मीमो व तस्करा हमारे थाने में दर्ज है।
- सूर्यकांत द्विवेदी इंस्पेक्टर क्वारसी
हेडिंग

तीन दिन से घर में ‘कैद’ थे जेबी सिंह
प्वाइंटर

इसी जानकारी पर पूरी प्लानिंग से आई सीबीआई टीम

अलीगढ़। यह पहले से सार्वजनिक था कि जेबी सिंह मैनपुरी के मिड-डे-मील घोटाले के आरोपी हैं और उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी चल रहे हैं। मगर 20 जुलाई को जब मैनपुरी के तत्कालीन डीएम व रिटायर्ड आईएएस सच्चिदानंद दुबे ने इसी घोटाले में गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट में सरेंडर किया तो खुद जेबी सिंह परेशानी में पड़ गए। उसी दिन दोपहर करीब 12 बजे के बाद से वह अचानक गायब हो गए। उनके इस तरह गायब होने और दफ्तर भी न आने को लेकर तरह-तरह की चर्चाओं ने जन्म ले लिया। लोग यहां तक कह रहे थे कि वह भूमिगत हो गए हैं। वहीं कमिश्नर से वह दो दिन का अवकाश लेकर गए थे। 

इसी बीच अचानक बुधवार सुबह सीबीआई के आने और उन्हें गिरफ्तार कर ले जाने के बाद स्पष्ट हुआ कि वह पिछले तीन दिन से अपने घर यानि एडीए उपाध्यक्ष के सरकारी बंगले में ही थे। इस दौरान बेहद गोपनीय ढंग से वह रहे। किसी खास को भी यह जानकारी नहीं थी। बस अंदर के स्टाफ को जानकारी रही। मगर किसी तरह सीबीआई टीम को यह जानकारी मिल गई और पूरी प्लानिंग के तहत वह उन्हें गिरफ्तार करने पहुंच गई।

बॉक्स एडीए कार्यालय में तैनात किया फोर्स
सुबह-सुबह एडीए के निवर्तमान उपाध्यक्ष वरिष्ठ पीसीएस अफसर जेबी सिंह की गिरफ्तारी के बाद एहतियातन एडीए कार्यालय में फोर्स तैनात कर दिया गया। इसके पीछे मंशा थी कि कहीं किसी तरह का कोई गतिरोध सामने न आ जाए। दोपहर में खुद एसपी सिटी पंकज पांडेय, सीओ तृतीय सुरेश रावत कुछ देर को एडीए कार्यालय गए। बाद में दिन भर वहां एक सब इंस्पेक्टर पुलिस टीम के साथ तैनात रहे।

बॉक्स डासना जेल पहुंचे जेबी सिंह

जेबी सिंह शाम करीब साढ़े पांच से पौने छह बजे के मध्य डासना जेल पहुंच गए। इसकी पुष्टि खुद डासना जेल के वरिष्ठ अधीक्षक एसपी यादव ने मोबाइल पर हुई बातचीत में की। साथ ही जानकारी देते हुए बताया कि उनकी कारागार में इस तरह के बहुचर्चित मामलों में कई अफसर निरुद्ध हैं। सभी के लिए एक बैरक निर्धारित है। उसी बैरक में जेबी सिंह को रखने की व्यवस्था की गई है। इस बैरक के सभी बंदी भी आम बंदियों की तरह ही रहते हैं। अंतर इतना है कि अन्य सामान्य बंदियों से यह लोग अलग रहते हैं।

साभार : अमरउजाला

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