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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

सर्व शिक्षा अभियान : स्कूल न जाने वाले बच्चों के सर्वे का बदला मानक -

सर्व शिक्षा अभियान : स्कूल न जाने वाले बच्चों के सर्वे का बदला मानक -

१-नि:शक्त व 3 से 5 वर्ष के बच्चों कीभी होगी पहचान

२-मलिन बस्तियों व झुग्गी झोपड़ियों में रहने वालों का भी होगा सर्वे 

लखनऊ। सर्व शिक्षा अभियान में स्कूल न जाने वाले बच्चों के चिह्नीकरण का मानक बदल गया है। अब केवल 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों का ही सर्वे नहीं होगा बल्कि हाउस होल्ड (स्कूल न जाने वाले) बच्चों के सर्वे में 3 से 5 वर्ष वालों को भी शामिल किया जाएगा। यही नहीं, वोटर लिस्ट के आधार पर मलिन बस्ती और झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों को भी चिह्नित किया जाएगा। यह अभियान 16 से 31 अगस्त तक चलेगा। सर्व शिक्षा अभियान की राज्य परियोजना निदेशक कुमुदलता श्रीवास्तव ने इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश भेजे हैं।

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के आधार पर बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में बच्चों को दाखिला देने के लिए 31 जुलाई तक स्कूल चलो अभियान चलाया जाता है। इस दौरान प्रभात फेरियां निकाल कर अभिभावकों को प्रेरित किया जाता है कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजें। शिक्षक और शिक्षा मित्र घर-घर जाकर बच्चों को दाखिला भी देते हैं। परिषदीय स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया 15 अगस्त तक चलती है ताकि कोई बच्चा स्कूल जाने से वंचित न रह जाए। इसके बाद भी स्कूल न जाने वाले बच्चों को चिह्नित करने के लिए हाउस होल्ड सर्वे कराया जाता है। सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशालय ने इस बार सर्वे का मानक बदल दिया है।

3 से 14 वर्ष के बच्चों का लिया जाएगा विवरण
हाउस होल्ड सर्वे में अब 3 से 5 वर्ष की आयु वाले बच्चों को भी चिह्नित किया जाएगा। छह से 14 वर्ष की आयु वालों को आउट ऑफ स्कूल माना जाएगा। सर्वे में 3 से 14 वर्ष की आयु वाले बच्चों का पूरा विवरण लिया जाएगा। इसमें बच्चों का नाम भी शामिल रहेगा। इस दौरान अभिभावकों से मिली सूचना को रजिस्टर पर दर्ज करने के साथ ही उनका नाम पता लिखते हुए उनके हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान लगवाया जाएगा। यह भी पता लगाया जाएगा कि स्कूल न जाने वाले निशक्त बच्चे कितने हैं। मंडल मुख्यालय के जिलों पर बीएसए दो ऐसे स्कूल चिह्नित करेंगे जिसमें स्कूल की मैनेजमेंट कमेटी से सर्वे कराया जाएगा। अन्य स्थानों पर शिक्षकों व शिक्षा मित्रों से ही सर्वे कराया जाएगा।
माइग्रेट बच्चों की अलग बनेगी सूची
माइग्रेट होने वाले (दूसरे स्थान से आने वाले) बच्चों को भी चिह्नित किया जाएगा। ग्राम सभा या वार्ड से कोई परिवार माइग्रेट होता है या कोई परिवार दूसरे स्थान से आया है तो उसकी सूचना विद्यालय प्रबंधन समिति और वार्ड शिक्षा समिति के सचिव सर्वे रजिस्टर पर दर्ज करेंगे। ऐसे बच्चों का पूरा विवरण माइग्रेट करने वाले स्थान के जिले व प्रदेश से शिक्षा अधिकारियों को भेजा जाएगा। सर्वे के समय माइग्रेट बच्चों की सूचना अलग से रखी जाएगी ताकि इनकी अलग से पहचान हो सके।

साभार : अमरउजाला

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