समायोजित हो रहे शिक्षामित्रों के लिए टीईटी जरूरी -
इलाहाबाद: प्रदेश सरकार भले ही बड़े पैमाने पर शिक्षामित्रों का समायोजन कर रही है, लेकिन केंद्र सरकार के अधीन मंत्रलय और शैक्षिक संस्थान प्रदेश सरकार के इस कदम से सहमत नहीं है। नेशनल काउंसिल फार टीचर एजूकेशन ने जन सूचना अधिकार के जवाब में कहा है कि शिक्षामित्रों को भी टीईटी की परीक्षा से गुजरना होगा। इन टिप्पणियों से भले ही अभी नियुक्ति प्रक्रिया पर असर नहीं पड़ रहा है, लेकिन कोर्ट में जो याचिकाएं लंबित हैं, इससे संघर्ष समिति को बल मिलना तय है। प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों के समायोजन के लिए बीते 19 जून को शासनादेश जारी किया था। 58 हजार शिक्षामित्रों को 31 जुलाई तक नियुक्ति पत्र देना है। उधर, बीटीसी संघर्ष समिति और टीईटी मोर्चा उत्तर प्रदेश ने समायोजन की इस प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इस प्रकरण में तीन अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है। वैसे कोर्ट ने अभी तक समायोजन प्रक्रिया को रोका नहीं है। इसी बीच मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने एक जनसूचना के जवाब में स्पष्ट किया है कि शिक्षामित्रों की नियुक्ति में टीईटी करवाना जरूरी है, इसमें यूपी सरकार को कोई राहत नहीं दी गई है। मंत्रलय के साथ ही एनसीटीई ने भी इस पर मुहर लगायी है।
साभार : दैनिक जागरण
इलाहाबाद: प्रदेश सरकार भले ही बड़े पैमाने पर शिक्षामित्रों का समायोजन कर रही है, लेकिन केंद्र सरकार के अधीन मंत्रलय और शैक्षिक संस्थान प्रदेश सरकार के इस कदम से सहमत नहीं है। नेशनल काउंसिल फार टीचर एजूकेशन ने जन सूचना अधिकार के जवाब में कहा है कि शिक्षामित्रों को भी टीईटी की परीक्षा से गुजरना होगा। इन टिप्पणियों से भले ही अभी नियुक्ति प्रक्रिया पर असर नहीं पड़ रहा है, लेकिन कोर्ट में जो याचिकाएं लंबित हैं, इससे संघर्ष समिति को बल मिलना तय है। प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों के समायोजन के लिए बीते 19 जून को शासनादेश जारी किया था। 58 हजार शिक्षामित्रों को 31 जुलाई तक नियुक्ति पत्र देना है। उधर, बीटीसी संघर्ष समिति और टीईटी मोर्चा उत्तर प्रदेश ने समायोजन की इस प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इस प्रकरण में तीन अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है। वैसे कोर्ट ने अभी तक समायोजन प्रक्रिया को रोका नहीं है। इसी बीच मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने एक जनसूचना के जवाब में स्पष्ट किया है कि शिक्षामित्रों की नियुक्ति में टीईटी करवाना जरूरी है, इसमें यूपी सरकार को कोई राहत नहीं दी गई है। मंत्रलय के साथ ही एनसीटीई ने भी इस पर मुहर लगायी है।
साभार : दैनिक जागरण
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