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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

परिषदीय विद्यालयों के पाठ्यक्रम में आमूल-चूल परिवर्तन पर बोले :बिना पढ़ाये वेतन लेने वालों पर कसेगा शिकंजा -

परिषदीय विद्यालयों के पाठ्यक्रम में आमूल-चूल परिवर्तन पर बोले : बिना पढ़ाए वेतन लेने वालों पर कसेगा शिकंजा 
१-प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता से मंत्री संतुष्ट नहीं
२-शिक्षकों अंतरजनपदीय स्थानांतरण पर चल रहा विचार
३-गुणवत्तापरक शिक्षा और शिक्षकों की उपस्थिति पर जोर
४-शिक्षकों की अनुपस्थिति को देखते हुए बायोमेट्रिक प्रणाली को लागू करने पर विचार
लखनऊ। प्रदेश के बेसिक शिक्षा राम गोविंद चौधरी प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने शिक्षकों की सारी समस्याओं को दूर कर दिया है। अब उनसे अपेक्षा करेंगे कि पढ़ाई की गुणवत्ता पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए पूरे सदन का सहयोग चाहिए। सदस्य अपने क्षेत्र में जाएं तो स्कूलों का मुआयना जरूर करें ताकि शिक्षकों में डर पैदा हो। जहां शिक्षकों की कमी है वहां उन विद्यालयों के शिक्षकों को समायोजित किया जाएगा जहां ज्यादा है। बिना पढ़ाए वेतन लेने वाले शिक्षकों पर भी शिकंजा कसा जाएगा। विधानसभा में मंगलवार को सरकारी विद्यालयों के प्राइमरी एवं जूनियर पाठ्यक्रम में आमूल-चूल परिवर्तन से संबंधित भाजपा के सुरेश कुमार खन्ना के सवाल के जवाब में राम गोविंद चौधरी ने ये बात कही।
स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता और पाठ्यक्रम में बदलाव संबंधी अनुपूरक सवाल के जवाब में चौधरी ने कहा कि वह खुद भी पढ़ाई से संतुष्ट नहीं है। नौकरी सबको चाहिए काम कोई नहीं करना चाहता। गुणवत्तापरक शिक्षा व शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराना सरकार की जिम्मेदारी है। उपस्थिति के लिए बायोमीट्रिक प्रणाली लागू करने पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का अंतरजनपदीय तबादले की प्रक्रिया पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे जाएंगे। बसपा के इंद्रजीत सरोज ने सवाल उठाया कि शिक्षक मनचाही तैनाती के लिए फर्जी छात्र संख्या दिखाते हैं। मंत्री ने कहा कि इसकी जांच कराई जाएगी और जहां ऐसा पाया जाएगा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री के वक्त पर न पहुंचने पर आपत्ति ः
विधानसभा में प्रश्नकाल शुरू होते ही पहले सवाल के लिए अध्यक्ष ने बेसिक शिक्षा मंत्री का नाम पुकारा। तब तक वह सदन में नहीं पहुंचे थे। भाजपा के सतीश महाना ने कहा कि न शिक्षा मंत्री है न संसदीय कार्य मंत्री। इसी बीच राम गोविंद चौधरी पहुंच गए। डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि मंत्री का समय पर सदन में न आना जाहिर करता है कि वह कितने गंभीर हैं। चौधरी ने कहा कि वह इसी सवाल की तैयारी में लगे थे। थोड़ी देर बाद जब लक्ष्मीकांत वाजपेयी सदन से बाहर जाने लगे तो राम गोविंद चौधरी और आजम खां ने कहा कि मंत्रियों की जिम्मेदारी है तो सदस्यों की भी है। उन्हें भी सदन में रहना चाहिए।


     साभार : अमरउजाला

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