logo

Basic Siksha News.com
बेसिक शिक्षा न्यूज़ डॉट कॉम

एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

मृतक आश्रितों की नौकरी पर अब तीन माह में होगा फैसला : लोकसेवा आयोग के बाहर के समूह 'ग' व 'घ' के पदों पर ही यह प्राविधान -



मृतक आश्रितों की नौकरी पर अब तीन माह में होगा फैसला : लोकसेवा आयोग के बाहर के समूह 'ग' व 'घ' के पदों पर ही यह प्राविधान -
१-हाईकोर्ट के फैसले के आदेश के बाद शासन ने जारी किये नये आदेश
२-१७ अप्रैल को हाई कोर्ट ने दिया था अहम फैसला
लखनऊ (ब्यूरो)। सूबे में सरकारी कर्मचारियों की सेवा के दौरान मृत्यु होने पर नियोक्ता को उनके आश्रितों की नौकरी प्रत्यावेदन का निस्तारण तीन महीने के भीतर करना होगा। इस संबंध में व्यवस्था कर शासनादेश जारी कर दिया गया है।
प्रदेश में सरकारी सेवकों की सेवाकाल में मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को तात्कालिक आर्थिक संकट से उबारने के लिए मृतक आश्रितों को नौकरी दी जाती है। इसके लिए मृतक आश्रित नियमावली बनाकर लोक सेवा आयोग के बाहर के समूह ‘ग’ व ‘घ’ के पदों पर नियुक्ति का प्रावधान किया गया है। मौजूदा नियमावली में नौकरी देने का प्रावधान तो था लेकिन इसके लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं थी। इस मामले में 17 अप्रैल को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने एक अहम फैसला देते हुए मृतक आश्रितों के नौकरी के प्रत्यावेदन का निस्तारण अधिकतम तीन महीने में करना अनिवार्य कर दिया। फैसले में मृतक आश्रित की नियुक्ति के संबंध में आवेदक व नियोक्ता की भूमिका की भी स्पष्ट व्याख्या की गई है।
प्रदेश के कार्मिक विभाग ने हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद मृतक आश्रितों की नौकरी प्रत्यावेदन के निस्तारण के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किया है। आदेश में मृतक आश्रित के प्रत्यावेदन का निस्तारण कम से कम समय में करने को कहा गया है लेकिन यह समय सीमा किसी भी दशा में अधिकतम तीन महीने तय कर दी गई है। इसमें यह भी कहा गया है कि मृतक आश्रित की नियुक्ति इस आधार पर नहीं ठुकराई जा सकती कि उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत है। प्रमुख सचिव राजीव कुमार ने समस्त प्रमुख सचिवों व सचिवों को इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन कराने को कहा है।

साभार : अमरउजाला

Post a Comment

0 Comments