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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

30 जून को रिटायर होंगे 10 हजार शिक्षक : प्रथमिक विद्यालय शिक्षामित्रों के भरोसे -

30 जून को रिटायर होंगे10 हजार शिक्षक -

१-पिछले पाँच सालों से शिक्षकों की भर्ती में उहापोह बना है

२-१ जुलाई से शिक्षकों की भारी कमी से स्कूलों के ताले नहीं खुलेंगे

३-कोर्ट के आदेश के बावजूद शिक्षकों की भर्ती नहीं

४-प्राथमिक विद्यालय के रीढ़ कहे जाने वाले शिक्षामित्रों का समायोजन  होना न होना अब तक स्पष्ट नहीं

इलाहाबाद। प्रदेश के बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के लगभग 10 हजार शिक्षक 30 जून को रिटायर हो रहे हैं। शिक्षकों के अवकाश ग्रहण करने के साथ ही पहले से शिक्षकों की कमी से परेशान प्राथमिक विद्यालयों में जुलाई में सत्र के पहले दिन ताला नहीं खुल सकेगा। पहली जुलाई से सर्व शिक्षा अभियान का नया सत्र शुरू होने जा रहा है। शिक्षकों की कमी से बड़ी संख्या में स्कूलों के ताले नहीं खुल सकेंगे।
प्राथमिक शिक्षा में पिछले पांच साल से शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को लेकर बने उहापोह के कारण विद्यालयों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है। प्रदेश सरकार से उम्मीद थी लेकिन दो साल से अधिक का समय बीत गया, भर्ती की घोषणा के बाद भी सरकार की तरफ से बड़ी पहल नहीं दिखाई पड़ रही है।
कोर्ट के आदेश के बाद भी परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक भर्ती के लिए कोई पहल नहीं हो रही है। हाल यह है कि प्रदेश में लगभग पांच हजार विद्यालयों में ताले लगे हैं और सात हजार से अधिक विद्यालयों में केवल एक शिक्षक हैं। उनके छुट्टी पर चले जाने से विद्यालयों में पढ़ाई नहीं होती।
माध्यमिक विद्यालयों का हाल और खराब है। यही हाल डिग्री कालेजों का भी है। शिक्षकों के चयन को लेकर जद्दोजहद चल रही है जिसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है।
बेसिक और माध्यमिक में 10 हजार शिक्षक होंगे रिटायर
प्राथमिक विद्यालय शिक्षामित्रों के भरोसे
शिक्षा की रीढ़ कहे जाने वाले प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के लगभग 73 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया ठप पड़ी है। कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद भी प्रदेश सरकार की हीला हवाली के कारण प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती का काम ठप पड़ा है। प्राथमिक विद्यालयों की शिक्षा पूरी तरह से शिक्षामित्रों के भरोसे चल रही है। शिक्षामित्र न पहुंचें तो हजारों स्कूलों के ताले न खुलें।
अब 30 जून को अकेले इलाहाबाद में ही लगभग तीन सौ शिक्षकों के अवकाश ग्रहण करने से प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी हो गई है।
गणित, अंग्रेजी, विज्ञान शिक्षकों के पद खाली
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से टीजीटी-पीजीटी के चयन में अनियमितता के बाद जांच और उसके बाद भी चयन कार्य ठप है। अध्यक्ष, सदस्यों से अधिकारियों की आपसी लड़ाई के कारण भी चयन प्रक्रिया पर असर पड़ा है। मुकदमेबाजी एवं शासन से रोक के कारण पिछले सत्र और वर्तमान सत्र में शिक्षकों के रिक्त पड़े 30 हजार पदों पर गतिरोध बना है। नतीजा है कि ज्यादातर विद्यालयों में विज्ञान, गणित जैसे प्रमुख विषयों के शिक्षक नहीं है। हिन्दी, अंग्रेजी के शिक्षक इन विषयों में अटेंडेंस तो ले लेते हैं, पढ़ाई नहीं हो पा रही। इलाहाबाद में भी जून के अंतिम दिन लगभग दो सौ शिक्षकों के अवकाश ग्रहण करने के बाद समस्या और बढ़ेगी। माध्यमिक शिक्षा शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के आग्रह के बाद भी जिला विद्यालय निरीक्षकों की ओर से खाली पदों की सूचना चयन बोर्ड को नहीं भेजी जा रही है।

     साभार : अमरउजाला

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