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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

सतत् मूल्यांकन : परिषदीय स्कूल के छात्रों को भी मिलेगा रिपोर्ट कार्ड -

१-नए सत्र से शुरू हो जाएगी सतत मूल्यांकन की प्रक्रिया
२-कार्ड की छपाई पर प्रति छात्र पाँच रूपये के हिसाब से खर्च
३-सर्व शिक्षा अभियान के तहत केन्द्र सरकार ने दी मंजूरी
४-कक्षा १व २ के लिए हिंदी और गणित कक्षा ३ से ५ के लिए अंग्रेजी व गणित का वर्कबुक मुफ्त
५-छात्रों के रिपोर्ट कार्ड देने की प्रक्रिया नये सत्र से शुरू
६-बेसिक शिक्षा विभाग ने इसके आधार पर ही बजट की मांग की
लखनऊ। निजी स्कूल की तरह परिषदीय स्कूल के छात्र भी रिपोर्ट कार्ड हाथ में लिए नजर आएं तो चौंकने की जरूरत नहीं है। अब परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को भी रिपोर्ट कार्ड दिया जाएगा। इसमें उनके सतत मूल्यांकन का पूरा ब्यौरा होगा। छात्र साल में कितने दिन स्कूल आया और पढ़ाई में वह कैसा है, इसका विस्तार से जिक्र किया जाएगा। रिपोर्ट कार्ड की छपाई पर प्रति छात्र पांच रुपये के हिसाब से खर्च किया जाएगा। सर्व शिक्षा अभियान के तहत केंद्र सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है। छात्रों को रिपोर्ट कार्ड देने की प्रक्रिया नए सत्र से शुरू की जाएगी।
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को अभी तक रिपोर्ट कार्ड नहीं दिया जा रहा था। उन्हें केवल एक पर्चे पर ही रिजल्ट दे दिया जाता था। शिक्षा का अधिकार अधिनियम में जहां 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों की शिक्षा अनिवार्य की गई है, वहीं उनका सतत मूल्यांकन करने के साथ रिपोर्ट कार्ड देना भी अनिवार्य किया गया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने इसके आधार पर ही इस बार सर्व शिक्षा अभियान के तहत रिपोर्ट कार्ड देने के लिए बजट की मांग की थी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। जानकारों की मानें तो परिषदीय स्कूलों के छात्रों को नए सत्र से रिपोर्ट कार्ड दिया जाएगा। छात्रों के ब्यौरे के आधार पर जिलों को पैसे दिए जाएंगे।
परिषदीय स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को अब रिपोर्ट कार्ड दिया जाएगा। इसके साथ ही उनके सतत मूल्यांकन पर जोर दिया जाएगा। सतत मूल्यांकन के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दे दिया गया है।
- नीतीश्वर कुमार, सचिव बेसिक शिक्षा
•कार्ड की छपाई पर प्रति छात्र पांच रुपये के हिसाब से खर्च होगा
•सर्व शिक्षा अभियान के तहत केंद्र सरकार ने दी मंजूरी
प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 3 तक के बच्चों के लिए हिंदी, अंग्रेजी व गणित में गतिविधि आधारित शिक्षा दी जाएगी। इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाने-लिखाने के साथ गणित में दक्ष बनाने के लिए नया पाठ्यक्रम तैयार होगा। कक्षा 1 व 2 के बच्चाें को हिंदी व गणित तथा कक्षा 3 से 5 तक के बच्चों के लिए अंग्रेजी व गणित का वर्कबुक मुफ्त देने के साथ उनके मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। छात्रों की पढ़ाई का औसत, उनका रिजल्ट और स्कूल में उनकी उपस्थिति को आधार मानते हुए सतत मूल्यांकन किया जाएगा।

         साभार : अमर उजाला

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