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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

परिषदीय शिक्षक जोह रहे बाट : जून माह में न हुए तबादले तो प्रभावित होगी पढ़ाई -

१-नये शैक्षिक सत्र में बच्चों की पढ़ाई पर पड़ेगा असर
२-परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों का पद जिला संवर्गीय होता है
३-मायावती सरकार ने शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबदलों की नीति बनाई
४-लोकसभा चुनाव बीतने के बाद भी अभी तक ठंडे बस्ते में पड़ा है स्थानांतरण
५-बेसिक शिक्षा विभाग विकल्पों के आधार पर मांगता है स्थानांतरण का आवेदन
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। परिषदीय स्कूलों के हजारों शिक्षक तबादले की बाट जोह रहे हैं लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग इस साल अब तक स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू नहीं कर पाया है। यदि जून में तबादले न हो सके और मामला आगे खिंचा तो जुलाई से शुरू होने वाले नये शैक्षिक सत्र में बच्चों की पढ़ाई पर इसका असर पड़ना तय है।
परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों का पद जिला संवर्गीय होता है। इस नाते उनके तबादले जिले के अंदर ही होते थे। विशेष परिस्थितियों में शासन की अनुमति से ही उनका स्थानांतरण एक से दूसरे जिले में हो पाता था। मायावती सरकार ने शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादले के लिए नीति बनाई लेकिन इस पर अमल करने से पहले बसपा सरकार सत्ता से बेदखल हो गई। बहरहाल अखिलेश सरकार ने शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादलों की नीति को अमली जामा पहनाते हुए 2012 व 2013 में कुल मिलाकर तकरीबन 36 हजार शिक्षकों का एक से दूसरे जिले में तबादला किया।
वर्ष 2014 में पहले तो लोकसभा चुनाव के कारण तबादलों का मामला ठंडे बस्ते में रहा। चुनाव बीतने के बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग तबादलों की प्रक्रिया शुरू नहीं कर पाया है। उधर पिछले दो वर्षों के दौरान तबादला पाने से वंचित रह गए शिक्षक इस बार मनपसंद जिले में तैनाती पाने का आस लगाये हुए हैं। बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षक भी हैं जो जिले के अंदर ही एक से दूसरे स्कूल में तबादले के इच्छुक हैं। पहली जुलाई से नया शैक्षिक सत्र शुरू हो जाएगा। मई बीतने में बमुश्किल एक हफ्ता बाकी है। ऐसे में शिक्षकों के तबादलों के लिए जून का महीना बचा है।
तबादले के लिए बेसिक शिक्षा विभाग पहले शिक्षकों से आवेदन मांगता है। आवेदन के जरिये शिक्षक स्थानांतरण के लिए जिले/स्कूल के विकल्प देते हैं। विकल्पों को ध्यान में रखते हुए जिलों में शिक्षकों की कमी या आधिक्य के आधार पर तबादले किए जाते हैं। खुद बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों का मानना है कि यदि जून में तबादलों की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी तो नये शैक्षिक सत्र में पठन-पाठन पर असर पड़ेगा।

               साभार : दैनिक जागरण

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