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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

सरकारी स्कूलों में जुलाई से लागू होगी व्यवस्था -


•सरकारी स्कूलों में जुलाई से लागू होगी व्यवस्था -
•फिसड्डी बच्चों के लिए लगेंगी एक्स्ट्रा क्लास
•शासन स्तर पर बैठक में उच्चाधिकारियों बनी सहमति
•पढ़ने में कमजोर बच्चे को भी पास कर अगली कक्षा में किया जाता है प्रमोट
•एससीईआरटी एक्स्ट्रा लर्निगं मटेरियल करायेगा तैयार
शैलेंद्र श्रीवास्तव
लखनऊ। सरकारी स्कूलों के बच्चों को पढ़ाने का तरीका बदलने वाला है। इन बच्चों को उनकी कक्षा के अनुरूप तैयार किया जाएगा। जरूरत के आधार पर उनके लिए एक्स्ट्रा क्लास लगाई जाएंगी। इसके साथ ही उन्हें लर्निंग मेटीरियल भी दी जाएगी। नई व्यवस्था जुलाई यानी नए सत्र से लागू करने की तैयारी है। शासन स्तर पर हुई उच्चाधिकारियों की बैठक में इस पर सहमति बन गई है। सर्व शिक्षा अभियान से बजट मिलने के बाद लर्निंग मेटीरियल छपवाई जाएगी।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 6 से 14 वर्ष तक बच्चों की शिक्षा अनिवार्य कर दी गई है। इसके साथ ही यह भी हिदायत है कि कोई भी बच्चा फेल नहीं किया जाएगा। इसलिए पढ़ने में कमजोर बच्चों को भी अगली कक्षा के लिए प्रमोट यानी पास कर दिया जाता है। बच्चे अगली कक्षा में पहुंच तो जा रहे हैं, लेकिन उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
विभिन्न स्रोतों से कराए गए सर्वे से चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं। मसलन इन नई व्यवस्था से बच्चों का मानसिक स्तर उस कक्षा के अनुरूप नहीं हो पा रहा है, इसलिए उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है। इसलिए शासन स्तर पर हुई उच्चाधिकारियों की बैठक में तय किया गया है कि ऐसे बच्चों के लिए कक्षा के अनुरूप लर्निंग मेटीरियल तैयार करते हुए उन्हें एक्स्ट्रा पढ़ाई कराई जाए।
एक्सट्रा लर्निंग मेटीरियल तैयार कराने की जिम्मेदारी राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को दी गई है। वह विशेषज्ञों से इसे तैयार करते हुए बेसिक शिक्षा परिषद को देगी।
बेसिक शिक्षा परिषद इन किताबों की छपाई कराने के बाद स्कूलों में भेजेगी। एक्स्ट्रा लर्निंग मेटीरियल चित्रों पर आधारित होगी। इसे बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाया जाएगा, ताकि उन्हें आसानी से समझ में आ जाए। एक्स्ट्रा क्लास समाप्त होने के बाद ऐसे बच्चों का मूल्यांकन कराया जाएगा और बौद्धिक क्षमता यदि कक्षा के अनुरूप न हुआ तो फिर से यही प्रक्रिया दुहराई जाएगी।
साभार : अमर उजाला

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